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लापरवाही करने वाले CEO निलंबित, 1 की सेवा बर्खास्त, 240 को नोटिस जारी, 5 की वेतन वृद्धि रोकी


भोपाल। MP में शासन का आदेश न मानने वाले और लापरवाह अधिकारी कर्मचारी पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल इस बा दमोह में एक कार्रवाई की गई है। जहां दायित्व के निर्वहन में उदासीनता बरतने की वजह से मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) आशीष अग्रवाल को निलंबित कर दिया गया है। इसके लिए शासन की योजनाओं के लक्ष्य पूर्ति और कार्यों में प्रगति ना देखने के कारण यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में सागर आयुक्त द्वारा जारी किए आदेश में कहा गया है कि कलेक्टर दमोह द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में जनपद पंचायत पथरिया के संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक में प्रभावशाली और संतोष प्रगति ना देखते हुए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।जारी आदेश के मुताबिक आवास योजना मनरेगा और सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य योजनाओं में दिए गए लक्ष्य में किसी प्रकार की उन्नति देखने को नहीं मिली है। इसके अलावा अन्य शासकीय योजनाओं में भी संतोषजनक प्रदर्शन नहीं किए जाने पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।

इसके अलावा एक अन्य कार्यवाही नर्मदापुरम में की गई है। जहां कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में सोमवार को आयोजित समय-सीमा की बैठक में पूर्व सूचना के बिना अनुपस्थित रहने पर पीआईयू के जिला अधिकारी को नोटिस जारी कर दिया गया है।

वहीं एक अन्य कार्यवाही ग्वालियर जिले में की गई है। जहां की लागत से लेकर सेवा नगर तक बनने वाली 18 मीटर चौड़ी रोड के लिए मकानों को तोड़ा जाना है। हालांकि इसके लिए नगर निगम ने शनिवार को 29 लोगों को नोटिस जारी कर दिया है। जबकि रविवार को 206 लोगों को नोटिस जारी किए गए।

नगर निगम के द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक निर्माण कार्य को हटाने के निर्देश दिए हैं। मकान नहीं हटाए जाने पर उन्हें तोड़ दिया जाएगा। बता दें कि किला गेट से सेवा नगर तक 18 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जानी है। इस सड़क को चौड़ी करने के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने मास्टर प्लान का प्रावधान किया। साथ ही नगर निगम ने इस सड़क को चौड़ा करने के लिए लोगों को नोटिस जारी किए थे। बावजूद इसके वासियों के विरोध के कारण नगर निगम को कार्रवाई रोकनी पड़ी थी। हालांकि एक बार फिर से नगर निगम ने 235 लोगों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है।

इधर जबलपुर में हुई कार्रवाई के दौरान चंपानगर रांझी निवासी राजेश उर्फ राजू भवसागर की मौत समय पर उपचार न मिलने के कारण हुई है। वहीं जांच में लापरवाही पाए जाने पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने सिविल अस्पताल रांची के डॉक्टर और नर्स के खिलाफ कार्रवाई कर दी है।

जानकारी की माने तो मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रत्नेश कुरारिया ने नर्स और डॉक्टर की 2-2 वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि राजेश चुंगी में वेल्डिंग की दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। शनिवार शाम दुकान पर काम के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें सिविल अस्पताल रांची पहुंचाया गया चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने की वजह से उन्हें समय पर उपचार न मिल सका। जिससे राजेश की मृत्यु हो गई थी। वही कार्य में लापरवाही सामने आने के बाद सीएमएचओ द्वारा यह कार्रवाई की गई है।

एक अन्य कार्रवाई विदिशा जिले में की गई है। जहां नगर पालिका में सागर के आर्किटेक्ट मोहिता राठौर के नाम से फर्जी आईडी बनाया गया है। हालांकि फर्जी आईडी बनाकर भवन अनुमति जारी करने वाले संविदा नगर पालिका कर्मी देवेंद्र पाटिल को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।नगरपालिका कर्मी देवेंद्र पाटिल पर फर्जी आईडी बनाने के आरोप लगे थे। वही सहायक राजस्व निरीक्षक हेमलता चौरसिया की दो वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। नगर पालिका के CMHO सुधीर कुमार सिंह की मानें तो पिछले साल सितंबर में सागर की आर्किटेक्ट मोहिता राठौर ने जनसुनवाई में कलेक्टर उमाशंकर भार्गव से शिकायत की थी। जहां नगर पालिका में उनके नाम से फर्जी आर्किटेक्ट आईडी बनाकर भवन अनुमति जारी की जा रही है। जिस पर कलेक्टर भार्गव ने दल बनाकर जांच के निर्देश दिए थे।

वहीं जांच में पाया गया कि नगरपालिका कार्यालय में 2 साल पहले आर्किटेक्ट मोहिता ने अपना पंजीयन कराया था। इसी दौरान शाखा प्रभारी देवेंद्र पाटिल ने इस युवती के नाम से एक फर्जी आईडी बना ली और उसके बाद अलग मोबाइल नंबर का उपयोग कर भवन अनुमति के लिए पंजीकरण करवाते रहें। जिसके बाद वित्तीय अनियमितता पाए जाने के बाद संविदा नगरपालिका कर्मी देवेंद्र पाटिल को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

साथ ही एक अन्य कार्रवाई मुरैना जिले में की गई है। जहां मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली योजनाओं को प्रगति ना देने पर पशु विभाग के उपसंचालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। इसके साथ ही उनके दो वेतन वृद्धि रोकने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

जानकारी की माने तो बस विभाग के उपसंचालक डॉक्टर आरके त्यागी द्वारा योजनाओं को गति ना देने पर कलेक्टर भी कार्तिकेय ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उनकी 2 वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश एसडीएम को दिए गए हैं। इतना ही नहीं विभाग के सहायक संचालक को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक कलेक्टर ने सबसे पहले पशुपालन विभाग की केसीसी के प्रकरणों की समीक्षा की। इस दौरान मुरैना जिले में 42438 किसानों को 42 लाख 48 हजार केसीसी जारी कराने थे। जिसके बावजूद कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए उपसंचालक आर के त्यागी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। साथ ही उनके दो वेतन वृद्धि रोकने के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग की समीक्षा बैठक में पट्टा धारक समिति और ग्रामीण तालाब पट्टा धारक मत्स्य पालन के 521 प्रकरण है। जिनमें से जनवरी महीने में 300 में से 204 प्रकरण को ही स्वीकृत किया गया है। इस पर कलेक्टर ने मत्स्य विभाग के उपसंचालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।



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