इन किसानों को ही उपलब्ध होगी सहायता राशि, मुआवजा प्राप्ति के लिए जाने महत्वपूर्ण नियम
- News Writer

- 11 जन॰ 2022
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भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते दिनों बदले मौसम की वजह से ओलावृष्टि के कारण 1 लाख हेक्टेयर से अधिक रबी की फसलें (crops) प्रभावित हुई है। हालांकि सरकार द्वारा प्रभावित हुई फसलों पर मुआवजा (compensation) देने के निर्देश दे दिए गए हैं। सरकारी राजस्व परिपत्र पुस्तक के प्रावधान के मुताबिक सहायता राशि किसानों को उपलब्ध करवाई जाएगी। सीएम शिवराज सहित कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं अधिकारियों द्वारा फसलों का सर्वेक्षण भी शुरू कर दिया गया है।
आरबीसी के नए नियम के तहत यह शायद अब उन किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। जिनकी फसल को कम से कम 25 फीसद का नुकसान हुआ है। दरअसल आरबीसी के नियम के अनुसार 2 हेक्टेयर 2 हेक्टेयर से अधिक तक कृषि भूमि वाले किसानों को तीन श्रेणी विभाजित किया गया है। जहां पहली श्रेणी 25 से 33%, द्वितीय श्रेणी 33 से 50 फीसद और तीसरी श्रेणी 50 फीसद से अधिक फसलों की क्षति होने पर सहायता राशि देने के प्रावधान किए गए हैं। वहीं सभी फसलों के लिए सहायता राशि 5000 रुपए से कम नहीं होगी।
सहायता राशि उन किसानों को उपलब्ध होगी। जिनकी फसल को कम से कम 25 फीसद हिस्सा नुकसान हुआ होगा। वही ओलावृष्टि में 50 फ़ीसदी या उससे अधिक क्षति होने पर किसानों को 100 फीसद फसल नुकसान मानकर सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। साथ ही 2 हेक्टेयर कृषि भूमि वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 5 से 16 हजार, सिंचित फसल पर प्रति हेक्टेयर 9 से 30 हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध होगी।
2 हेक्टेयर तक होने वाले किसानों को 25 से 33 फीसद तक वर्षा आधारित फसल नुकसान पर 5000 रूपए जबकि सिंचित फसल पर 9000 रूपए उपलब्ध होंगे। वहीं 33 से 50 फीसद के लिए वर्षा आधारित 8000 रूपए जबकि सिंचित फसल के नुकसान पर 15000 देने का प्रावधान है। इसके अलावा 50 फीसद से अधिक फसलों के वर्षा आधारित नुकसान पर 16000 रुपये जबकि सिंचित फसलों के नुकसान पर 30000 दिए जाएंगे।
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