crossorigin="anonymous">
top of page

Covid-19:महामारी जैसी खतरनाक हुई कोरोना से जुड़ी ये अफवाहें

  • लेखक की तस्वीर: News Writer
    News Writer
  • 23 अक्टू॰ 2021
  • 2 मिनट पठन

ree

दुनियाभर में जहां लाखों मरीज कोरोना महामारी से जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं शेष लोग उससे जुड़ी अफवाहों से जूझ रहे हैं। ये अफवाहें महामारी की तरह भयावह स्तर पर फैलती जा रहीं हैं। एक नए अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 से जुड़ी अफवाहों, प्रसार के लांछन लगाने और वायरस की उत्पति एवं प्रसार की साजिश के सिद्धांतों को कम से कम 87 देशों में शेयर किया जा रहा है। 

कोरोना के संबंध में इन भ्रामक सूचनाओं को 25 अलग-अलग भाषाओं में प्रसारित किया गया है। गलत जानकारी के बहकावे में आने के कारण कई लोगों की मौतें भी हुई है और कईं को चोटें आई हैं।अमेरिकन जर्नल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन में सोमवार को प्रकाशित यह अध्ययन में 31 दिसंबर, 2019 से पांच अप्रैल, 2020 के बीच किया गया था। इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन अखबारों और अन्य वेबसाइट पर कोरोना संबंधी अफवाहों, कलंक और साजिश के सिद्धांतों का विश्लेषण करना शामिल था। 

शोधकर्ताओं ने 87 देशों से 25 भाषाओं में संभावित कोविड-19 गलत सूचना से संबंधित 2,311 रिपोर्ट की पहचान की। इन रिपोर्टों में से, 89% को अफवाहों के रूप में वर्गीकृत किया गया था; 7.8% साजिश के सिद्धांत थे; और 3.5% लांछन लगाने वाली थीं। 

अधिकांश अफवाहें भारत, अमेरिका और चीन से- शोधकर्ताओं ने पाया कि अधिकांश अफवाहें, लांछन और साजिश के सिद्धांतों की पहचान भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, स्पेन, इंडोनेशिया और ब्राजील से की गई। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में उल्लेख किया कि इस तरह की भ्रामक जानकारियां लोगों की जान ले सकती हैं या उन्हें चोट पहुंचा सकती हैं।  

शराब से कोरोना के खात्मे के दावे ने ले ली 800 जानें- उदाहरण के लिए, एक सर्वाधिक प्रचलित अफवाह कि शराब का सेवन शरीर को कीटाणुरहित कर सकता है और वायरस को मार सकता। इसके कारण लगभग 800 लोग मारे गए हैं, जबकि 5,876 अस्पताल में भर्ती हुए हैं और 60 लोग मेथनॉल पीने के बाद पूरी तरह अंधेपन के शिकार हुए हैं।   

टीके को जैविक हथियार तक बता डाला-  अध्ययन में शुरुआती दौर के कुछ फर्जी दावों के उदाहरण शामिल किए हैं, जैसे पोल्ट्री अंडे कोरोना संक्रमित होते हैं और शराब पीकर वायरस को मार सकते हैं आदि अफवाहें थीं। हर बीमारी कभी-न-कभी चीन से ही आई है... यह लांछन था। वहीं, बिल और मेलिंडा गेट्स द्वारा टीका विकास के नाम पर एक जैविक हथियार का वित्त पोषण हैं, जैसे कथित साजिश के सिद्धांत प्रसारित किए गए थे। 

टिप्पणियां

5 स्टार में से 0 रेटिंग दी गई।
अभी तक कोई रेटिंग नहीं

रेटिंग जोड़ें
bottom of page