कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर मप्र अंतर्विभागीय संयोजन एवं अधिकारियों के हस्तक्षेप से ब्लॉक कुंडम की हाई रिस्क गर्भवती महिला व शिशु की बची जान
- devanshbharatnews

- 31 जुल॰
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जबलपुर। ब्लाक कुण्डम के आयुष्मान आरोग्य मंदिर आमाटिट्टहा के अंतर्गत ग्राम झुंझ निवासी कौशल्या मरकाम पति बुद्वसेन मरकाम दिनांक 20 जून 2025 को अपने गाँव के ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर सीएचओ शुभांगी वर्मा एवं एएनएम किरन बघेल के पास अपने गर्भावस्था की तीसरी जाँच कराने पहुंची थी यह उसका दूसरा पारा था उसकी पहिले एक बच्ची थी। जाँच में महिला का हीमोग्लोबिन 7.9 ग्राम पाया गया जिस कारण से महिला को हाई रिस्क मानते हुए सीएचओ एवं एएनएम ने उसको अग्रिम जाँच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुण्डम रेफर कर दिया। दिनांक 21 जून 2025 को आशा कार्यकर्ता जयंती सैयाम अपने साथ कौशल्या को एचआरपी क्लीनिक कुण्डम में महिला चिकित्सक को दिखाने लेकर गयी। सीएचसी कुंडम मे महिला की पुनः समस्त जाँचे की गयीं और सीवियर एनीमिया को देखते हुए उसे उपचार हेतु रानी दुर्गावती चिकित्सालय ऐल्गिन जबलपुर रेफर किया। किन्तु महिला ने एल्गिन चिकित्सालय जबलपुर जाने से मना कर दिया। चिकित्सकों एवं स्टॉफ के बहुत समझाने के बाद भी महिला नही मानी ओर अपने घर ग्राम झुंझ चली गई। अगले दिन दिनांक 22 जून को उपस्वास्थ्य केन्द्र की टीम जिसमें सीएचओ, एएनएम एवं आशा थे के द्वारा महिला के घर पर जाकर उसे व उसके परिजनों को बहुत समझाया किन्तु कौशल्या फिर भी नही मानी। कई बार ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य दल द्वारा तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सरपंच के साथ जाकर महिला से सम्पर्क कर उसे मनाया गया तब भी वह तैयार नहीं हुई। इसके बाद महिला डर कर अपने रिश्तेदार के घर ढीमरखेडा जिला कटनी चली गई, और फिर वंही से अपने मायके ग्राम बहनापानी चली गई। ग्राम बहनापानी की आशा कार्यकर्ता गायत्री कुशराम ने यह जानकारी ग्राम झुंझ के स्वास्थ्य दल को दी, यँहा के स्वास्थ्य दल द्वारा ग्राम बहनापानी जाकर भी उसे समझाया गया तथा उसके पति की बीएमओ डॉ राजेश राज से बात कराई जिस पर महिला का पति तो तैयार हो गया परन्तु महिला ने न ही अपने पति की और न ही अपने माता पिता की बात मानी और जाने से इंकार कर दिया।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दिनांक दिनांक 25 जुलाई 2025 को बीएमओ डॉ राजेश राज ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा को इसकी जानकारी दी, जानकारी प्राप्त होते ही सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा के मार्गदर्शन में डीएचओ डॉ विनीता उप्पल ने एसडीएम श्रीमती मोनिका बाघमारे से बात कर अनुविभागीय टीम कुण्डम एवं पुलिस बल के साथ ब्लाक स्तरीय स्वास्थ्य टीम का सयुंक्त दल बनाकर महिला को समझाने को कहा। स्वास्थ्य दल में डॉ सत्यजीत कुजूर, डॉ वैशाली भगत, बीपीएम सुनील नेमा, बीसीएम रंजीत पटेल, बीईई रोहित डोगरे शामिल थे।

जिसके बाद संयुक्त टीम के द्वारा महिला को काफ़ी देर तक समझाईश दी गई फिर भी महिला मानने को तैयार नही थी। आखिरकार पुलिस ने अपना हल्का बल प्रयोग करके महिला को जबरदस्ती उपचार हेतु तैयार किया और 108 जननी वाहन से आशा कार्यकर्ता के साथ एल्गिन अस्पताल जबलपुर भेजा गया, चूंकि महिला का हीमोग्लोबिन 4 ग्राम तक पहुँच गया था और सीवियर एनीमिक होने के कारण उसको तुंरत ब्लड चढ़ाया गया।

दिनांक 26 जुलाई 2025 को महिला की स्थिति गंभीर होने के कारण ऐल्गिन से नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडीकल कालेज जबलपुर रेफर किया गया। भर्ती कराने के बाद मेडीकल में महिला को पुनः एक यूनिट ब्लड लगाया गया और दिनांक 26 जुलाई 2025 को रात्रि में महिला द्वारा नार्मल प्रसव से एक स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया। शिशु का वजन 2.4 किग्रा है। महिला वर्तमान में मेडीकल कालेज जबलपुर में भर्ती है।
महिला कौशल्या मरकाम के स्वास्थ्य एवं स्वस्थ्य नवजात शिशु के लिए किये गये कार्य में स्वास्थ्य विभाग, अनुविभागीय राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग की संयुक्त भागीदारी तथा प्रयास सराहनीय रहा।
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