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फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लोक निर्माण विभाग में नियुक्ति प्राप्त कर उच्च पदों पर पदोन्नति प्राप्त करने के संबंध में दायर शिकायत का निराकरण 4 सप्ताह में करने के हाईकोर्ट के निर्देश


जबलपुर। याचिकाकर्ता प्रशांत वैश्य की ओर से अधिवक्ता सौरव कुमार तिवारी ने उच्च न्यायालय जबलपुर के जस्टिस प्रणय वर्मा की एकल पीठ कोे बताया कि लोक निर्माण विभाग, जबलपुर में पदस्थ प्रभारी मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र वर्मा के विरुद्ध इस आशय की शिकायतें प्राधिकृत अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की गई थी कि उनके द्वारा दिनांक 19/07/1992 को लोक निर्माण विभाग में सहायक यंत्री सिविल का अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पद प्राप्त कर न केवल अवैध रूप से अनुविभागीय अधिकारी, कार्यपालन यंत्री, अधीक्षण यंत्री व मुख्य अभियंता पद पर पदोन्नति आदि लाभ प्राप्त किया बल्कि आय से अधिक संपत्ति भी अर्जित की गई परंतु आज दिनांक तक उन शिकायतों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और न ही सुरेश चंद्र वर्मा की जाति की जांच की गई जिस वजह से उसे धनगड़ अनुसूचित जनजाति का लाभ प्रदान किया जा रहा है। दिनांक 25/10/2024 को उच्च न्यायालय द्वारा मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश शासन को निर्देश देते हुए सुरेश चंद्र वर्मा के विरुद्ध लंबित शिकायत को चार सप्ताह के अंदर निराकृत करने के आदेश दिए। मुकदमे में प्रतिवादी राज्य शासन की ओर से शासकीय पेनल अधिवक्ता जीतेन्द्र कुमार श्रीवास्तव द्वारा अंडरटेकिंग दी गई कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर कानून के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। जिसके मद्देनजर न्यायालय के द्वारा प्रतिवादी संख्या 1 मुख्य सचिव मप्र शासन को यह निर्देश दिया गया कि याचिकाकर्ता की शिकायत दिनांक 19.06.2024 अनुलग्नक पी/1, पर विचार किया जाए और प्रतिवादी संख्या 10 सुरेश चन्द्र वर्मा सहित इच्छुक पक्षों को सुनवाई का उचित अवसर देकर इस आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने की तारीख से चार सप्ताह की अवधि के भीतर निर्णय लिया जाए।

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