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भक्ति करके उठाएं सजा अवधि का लाभ - सेंट्रल जेल में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का समापन, पुष्प वर्षा कर बंदियों ने दी सुरेंद्र कृष्ण शास्त्री को विदाई


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जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन हो गया। भागवत कथा के अंतिम दिवस कथावाचक शिव मंदिर कचनार सिटी (बड़े शंकर जी) के मुख्य आचार्य एवं मां दक्षिणेश्वरी धाम के संस्थापक सुरेंद्र दुबे शास्त्री महाराज ने सुदामा चरित्र सहित अन्य प्रसंगों पर अपने प्रवचन दिए। शास्त्री जी ने जेल के बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप किसी भी अपराध की सजा में जेल के अंदर हैं, इस बात को लेकर दुखी मत होइए। बल्कि आगे जितना भी समय जेल में बिताना है, उस सजा अवधि में भगवान की भक्ति कीजिए। क्योंकि जेल में होने के कारण आपको घर, परिवार, दोस्त, रिश्तेदार, नौकरी आदि से संबंधित कोई भी कार्य नहीं है। इसलिए इस अवधि का भरपूर लाभ उठाएं और भगवान की भक्ति करके अपने जीवन को सार्थक बनाएं। कथा के समापन पर कैदियों ने पुष्प वर्षा कर सुरेंद्र शास्त्री महाराज को विदाई दी।

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जेल अधिकारियों ने शास्त्री का सम्मान-

कथा के समापन पर कथावाचक सुरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज का शॉल, श्रीफल एवं पुष्पमाला भेंट कर जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने सम्मान किया। व्यासपीठ का पूजन एवं आरती उप जेल अधीक्षक मदन कमलेश, रूपाली मिश्रा, सहायक जेल अधीक्षक प्रशांत चौहान, हिमांशु तिवारी, अंजू मिश्रा ने किया ओम प्रकाश दुबे ने किया। कथा में पंडित संजय शास्त्री, शिवा विश्वकर्मा नितिन सहित जेल के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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आधी रात से बनना शुरू हुआ भंडारा-

श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर जेल में भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में जेल अधिकारी-कर्मचारियों सहित करीब 3000 बंदियों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया। जेल के खानसामाऔ ने रात्रि 12 बजे से ही जेल की पाकशाला में भोजन बनाना शुरू कर दिया था। कथा के समापन पर जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर सहित सभी अधिकारी कर्मचारियों एवं जेल के बंदियों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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