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विशेष दर्जे की लड़ाई के लिए दशकों पुरानी दुश्मनी भूल एकजुट हुए जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दल

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    News Writer
  • 23 अक्टू॰ 2021
  • 1 मिनट पठन

विभिन्न दलों ने कहा कि वे ‘गुपकर घोषणा’ से बंधे हुए हैं, जो चार अगस्त 2019 को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के गुपकर आवास पर सर्वदलीय बैठक के बाद घोषित की गई थी.


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श्रीनगर:

कश्मीर में राजनीतिक दलों (j&k Political Parties) ने शनिवार को सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि वे जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में पांच अगस्त 2019 से पहले की तरह विशेष दर्जे (Special Status) की बहाली के लिए संघर्ष करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाया गया कदम ‘‘द्वेष से पूर्ण अदूरदर्शी'' तथा ‘‘पूरी तरह असंवैधानक'' था. विभिन्न दलों ने कहा कि वे ‘गुपकर घोषणा' (Gupkar Declaration) से बंधे हुए हैं, जो चार अगस्त 2019 को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) के गुपकर आवास पर सर्वदलीय बैठक के बाद घोषित की गई थी. चार अगस्त 2019 की बैठक के बाद प्रस्ताव में कहा गया था कि दल सर्वसम्मति से घोषणा करते हैं कि जम्मू-कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और विशेष दर्जे की रक्षा के लिए वे एकजुट रहेंगे. इसके एक दिन बाद पांच अगस्त को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा की थी.

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