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सीएम हेल्पलाइन में मामलों के निराकरण मुसीबत का सबब बन रही

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हेल्पलाइन लोगों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। लेकिन यही है, ऐसा ही एक मामला शहडोल की एक तहसील से सामने आया है।

सीएम हेल्पलाइन की शिकायत का निराकरण करने गए शिकायतकर्ता एडवोकेट को कलेक्टर की मौजूदगी में तहसीलदार ने थप्पड़ मारने की धमकी दे डाली, जिससे नाराज अधिवक्ताओं तहसील कार्यालय में विरोध करते हुए तहसीलदार को हटाने की मांग पर अड़ गए। हालांकि, कलेक्टर की समझाइश व इस मामले में जल्द कार्रवाई के आश्वशन के बाद मामला शांत हुआ, हालांकि, इस दौरान तहसीलदार को अपनी गलती का बोध हेने पर माफी भी मांगी।


जानकारी के मुताबिक बुढ़ार के अधिवक्ता राम पदार्थ द्विवेदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि विगत दिनों में उन्होंने अपने ही परिवार का नामांतरण का आवेदन बुढ़ार तहसील में प्रस्तुत किया था, जिसके मामले में उनके फेवर में आने के बाद भी तहसीलदार द्वारा 15 हजार रुपए की मांग की गई। पैसा नहीं देने पर मामला प्रकरण खारिज कर दिया गया। लेकिन इस बात से आहत अधिवक्ता ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाईन में कर दी, जिसके निराकरण के लिए शनिवार राम पदार्थ को बुढ़ार तहसील बुलाया गया ,जहां तहसीलदार व फरियादी अधिकवक्ता के बीच बाद विवाद हो गया।


इस दौरान तहसीलदार आवेश में आ गया और फरियादी को कलेक्टर की मौजूदगी में थप्पड़ मारने की धमकी दे डाली, जिससे नाराज अधिवक्ताओं ने तहसील कार्यालय में विरोध करते हुए तहसीलदार को हटाने की मांग पर अड़े गए। हालांकि कलेक्टर की समझाइश व इस मामले में जल्द कार्रवाई के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ, वहीं इस दौरान तहसीलदार ने अपनी गलती का बोध होने पर माफी भी मांगी।


बता दें कि इस पूरे मामले में तहसीलदार मीनाक्षी बंजारे का कहना है कि उनके ऊपर पैसों का लगाया गया आरोप निराधार है। उनके ऊपर पैसों की मांग का आरोप लगाया जा रहा था, जिससे आवेश में आकर उन्होंने थप्पड़ मारने की बात कही थी, जिसके बाद उन्होंने फरियादी से इसके लिए माफी मांग ली

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