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स्मार्ट सिटी अस्पताल माफिया का नंगा नाच! खबर दबाने फर्जी डॉक्टर अमित खरे ने किया गुंडों के साथ पत्रकार पर हमला


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देवांश भारत जबलपुर। जबलपुर की पत्रकारिता जगत को हिलाकर रख देने वाली वारदात में पत्रकार सुनील सेन पर शुक्रवार देर रात जानलेवा हमला किया गया। घटना गढ़ा थाना क्षेत्र के पिसनहारी की मढ़िया पेट्रोल पंप के पास की है, जहां चार कार सवार बदमाशों ने उन्हें घेरकर बेरहमी से पीटा। इस सनसनीखेज हमले के पीछे स्मार्ट सिटी अस्पताल के संचालक डॉ. अमित खरे का नाम सामने आया है।

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स्मार्ट सिटी अस्पताल की खबर दबाने की धमकी-

पीड़ित पत्रकार ने पुलिस को दिए बयान में खुलासा किया है कि पिछले कई दिनों से धर्मेंद्र यादव, बृजेश उपाध्याय और भाजपा नेता गुल्लन दुबे लगातार धमका रहे थे कि स्मार्ट सिटी अस्पताल की खबर मत चलाना, वरना अंजाम भुगतना पड़ेगा। यह दबाव अस्पताल प्रबंधन की ओर से बनाया जा रहा था। जब सुनील सेन ने सच लिखना जारी रखा तो डॉ. अमित खरे ने कथित तौर पर अपने खास गुर्गों को हमला करने भेजा।

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नीली स्विफ्ट से आए हमलावर, कट्टा भी लहराया-

रात करीब 1:20 बजे मेडिकल अस्पताल से कवरेज कर घर लौट रहे सुनील सेन को बिना नंबर की नीली स्विफ्ट कार ने पेट्रोल पंप के पास घेर लिया। कार से उतरे चार युवक गालियां देते हुए बोले बहुत बड़ा पत्रकार बन गया है तू, दस बार फोन किया बैठकर बात कर ले, समझ में नहीं आता। इसके बाद सभी ने मिलकर डंडे व मुक्कों से हमला कर दिया। पीड़ित के मुताबिक हमलावरों के पास देसी कट्टा भी था।


गंभीर हालत में भर्ती, पुलिस जुटी जांच में-

हमले में पत्रकार को सिर और हाथ में गंभीर चोटें आईं, जिन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर भीड़ जुटते ही हमलावर मेडिकल की ओर भाग निकले। सूचना पर गढ़ा थाना प्रभारी बल के साथ पहुंचे और अज्ञात आरोपियों पर प्रकरण दर्ज कर लिया। पुलिस अब घटना स्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।


डॉक्टर खरे पर सीधे आरोप-

पीड़ित का साफ कहना है कि हमला डॉ. अमित खरे के इशारे पर ही कराया गया। कारण स्मार्ट सिटी अस्पताल से जुड़े घोटालों की खबरें उजागर होना। पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक जांच में भी डॉक्टर से विवाद की बात सामने आ रही है।


डॉक्टर पेशे को किया बदनाम-

डॉ को मरीजों का भगवान कहा जाता है, पर जबलपुर के डॉ अमित खरे ने अपने गुंडों के साथ मिलकर एक पत्रकार पर हमला कर दिया। उसको गंभीर रूप से घायल कर दिया। हालाकि पत्रकार की हालत नाजुक है, उपचार चल रहा है।सवाल ये उठता कि जब डॉ ही जान लेने पर उतारू हो जाए तो घायल अपनी जान बचाने के लिए कहा जाएं।

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