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रायपुर टेरर फंडिंग मामले में चार आरोपी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई 10-10 साल की सजा


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रायपुर की अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषियों को 10-10 साल की सजा भी सुनाई गई है। 25 अक्टूबर 2013 मामले का खुलासा हुआ था। रायपुर में टेरर फंडिंग केस में अदालत ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन और सिमी से जुड़े चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने चारों दोषियों को 10-10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. मामले का खुलासा होने के बाद रायपुर कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही थी। बुधवार को दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत ने धीरज साव, जुबैर हुसैन, आयशा बानो और पप्पू मंडल समेत सुखेन हलधर को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा सुनाई है।

गौरतलब है कि 25 अक्टूबर 2013 को रायपुर में टेरर फंडिंग के शहरी नेटवर्क का खुलासा हुआ था। धीरज साव, पप्पू मंडल समेत सुखेन हलधर ने रायपुर, बिहार और पश्चिम बंगाल में फर्जी नामों से खाता खुलवाकर पकिस्तान से संगठन के लिए आने वाले पैसों को इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य जुबैर हुसैन और आयशा खातून को भेजते थे। रायपुर से गिरफ्तार हुआ धीरज साव 2011 से पाकिस्तान के आतंकी खालिद से संपर्क में था। धीरज साव वालिया कॉम्पलेक्स खमतराई में रहकर ठेला लगाता था।

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